📰 Operation Mahadev : पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा ढेर, दाचीगाम एनकाउंटर की तस्वीरें आई सामने
श्रीनगर, 28 जुलाई 2025 – जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंक विरोधी अभियान ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के टॉप कमांडर और पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को आखिरकार श्रीनगर के लिडवास इलाके में मार गिराया गया। इस कार्रवाई को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट ने मिलकर अंजाम दिया।
🧠 कौन था हाशिम मूसा
हाशिम मूसा कोई आम आतंकी नहीं था। वह पाकिस्तानी सेना का पूर्व सैनिक था जो बाद में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। उसे कश्मीर घाटी में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। हाल ही में हुए पहलगाम और सोनमर्ग टनल हमलों की जिम्मेदारी भी इसी पर थी।
हाशिम मूसा स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथ के जरिए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा था। वह ड्रोन और सैटेलाइट फोन से लगातार पाकिस्तान में बैठे आकाओं से निर्देश प्राप्त कर रहा था।
कैसे हुआ ऑपरेशन महादेव
सुरक्षा एजेंसियों को हाशिम मूसा की मौजूदगी की जानकारी एक खुफिया इनपुट के ज़रिए मिली। उसके बाद सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 28 जुलाई की सुबह श्रीनगर के लिडवास इलाके को चारों ओर से घेर लिया।
करीब 3 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में सेना ने हाशिम मूसा को मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान हाशिम ने आधुनिक हथियारों और ग्रेनेड से जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारतीय जवानों ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया।
📷 सामने आईं एनकाउंटर की तस्वीरें
इस मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की कई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में आतंकियों का ठिकाना, बरामद हथियार, और सेना के ऑपरेशन की झलक दिखाई दे रही है। इनसे स्पष्ट होता है कि यह एक पूरी तरह से प्लान किया गया अभियान था जिसमें बड़ी सावधानी से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की कोशिश की गई।
🇮🇳 भारत की सुरक्षा के लिए बड़ी राहत
हाशिम मूसा के मारे जाने को भारत के लिए एक बड़ी स्ट्रैटजिक जीत माना जा रहा है। वह न केवल कश्मीर में युवाओं को गुमराह कर रहा था, बल्कि पाकिस्तान से हथियारों और फंडिंग की चैन का भी हिस्सा था।
इस ऑपरेशन से:
• पहलगाम और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों की सुरक्षा मजबूत हुई है।
• आतंकियों में डर का माहौल बना है।
• लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका लगा है।
🔍 खुफिया एजेंसियों की भूमिका
इस सफलता के पीछे खुफिया एजेंसियों की मेहनत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। RAW, IB और J&K Police ने मिलकर एक जाल बिछाया था, जिसमें हाशिम मूसा फंस गया। इस ऑपरेशन में ड्रोन, सैटेलाइट ट्रैकिंग और मोबाइल इंटरसेप्शन तकनीक का भी उपयोग किया गया।
🚫 क्या खत्म हो गया है खतरा?
हालांकि हाशिम मूसा का मारा जाना बड़ी जीत है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए भेजा जा रहा है। इसलिए भारतीय सेना की मुस्तैदी और नागरिकों की सतर्कता ज़रूरी है।
🔚 निष्कर्ष
ऑपरेशन महादेव के तहत हाशिम मूसा का खात्मा भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक पल है। इससे न केवल कश्मीर में शांति बहाल करने की दिशा में कदम बढ़ा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब आतंक के खिलाफ पूरी तरह से आक्रामक नीति अपना रहा है।
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